एक छोटा सा विषय पेरेंट्स टीचर मीटिंग की

Written by: Sital Baraik
मीटिंग से मेरे मन में एक छवि बनता है ऐसा जगह जहाँ लोगों का भीड़ हो और एक, या दो, प्रतिनिधि व्यक्ति उस मीटिंग के विषय के बारे में बातचीत कर रहें हों | लेकिन पंजाब के सरकारी प्राइमरी स्कूल में पेरेंट्स टीचर मीटिंग बिलकुल ही उल्टा देखी | मीटिंग के दिन एक — एक करके बच्चों के माता- पिता आते हैं और बच्चों के पढ़ाई, कमज़ोरी के बारे में बातचीत कर के जातें है| बहुत मुश्किल लगता है, गाँव के लोगों को एक साथ इकट्ठा कर पाना| क्योंकि वे लोग दिहाड़ी काम करते है | मगर क्या ये चिंता की विषय नहीं है? क्योंकि हर माता — पिता अपने बच्चों का भविष्य बेहतर हो, यही कामना करते है खुद के तुलना में | तो क्या एक दिन अपने बच्चों की बेहतर पढ़ाई के लिए स्कूल में जमा नहीं हो सकते?

उन दिनों मैं पंजाब के फतेहगढ़ जिले में सरकारी प्राइमरी स्कूल में काम कर रही थी | क्योंकि कुछ सरकारी प्राइमरी स्कूल बंद हो चुके थे | टीचर को मोटिवेशन( प्रेरणा )की जरुरत थी,और साथ ही सहयोग का का भी, क्योंकि एक सरकारी स्कूल के टीचर में केवल पढ़ाने का ज़िम्मेदारी ही नहीं बल्कि मिड डे मील, स्कूल बिल्डिंग को बच्चों के अनुकूल बनाना मतलब , स्कूल में किचन गार्डन ,स्कूल का सफाई का ध्यान रखना और बच्चों के रिजल्ट को पंजाब के एजुकेशन वेबसाइट में अपलोड करना | साथ ही लोकसभा चुनाव के लिए 18 उम्र के युवाओं का नागरिकता प्रमाण पत्र अथार्त वोट- कार्ड बनाने का काम भी सरकार द्वारा सौंप दिया जाता है |स्कूल में बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी के लिए गाँव के हर घर में जाना पड़ता है | बहुत सारे एजुकेशन ट्रेनिंग से जुड़े मीटिंग में उपस्तिथ होना भी होता है |
इतने सारे सुविधा मिलने के बावजूद सरकारी प्राइमरी स्कूल में बच्चों की संख्या घटती जा रही है |कितना मुश्किल होता होगा ना, एक शिक्षक के लिए 20–60 बच्चों का ख्याल रखना | पर्सनल लाइफ में एक या दो बच्चों का अच्छे से ख्याल रखना बहुत कठिन हो जाता है | इतना सारा काम और ज़िम्मेदारी के बाद भी जब स्कूल को बंद करने का ऑर्डर मिलता है तो एक शिक्षक को कैसा लगता होगा ? इस तरह से सरकारी प्राइमरी स्कूल के टीचर अपने घर के साथ- साथ स्कूल में भी माँ का किरदार निभाते है | जब इन टीचर से बात हुई की कैसे टीचर के काम में मैं मदद कर सकती हूँ तो समझ आया की पेरेंट्स टीचर मीटिंग को सक्रिय करके मदद किया जा सकता है |

पेरेंट्स टीचर मीटिंग एजुकेशन सिस्टम का एक हिस्सा है | जो की बच्चे की मौजूदा प्रतिभा को बेहतर करने के लिए किया जाता है| इस मीटिंग में बातचीत करने के लिए और भी बहुत सारे विषय होते हैं | जैसे, बच्चों की कामयाबी या परीक्षा के परिणाम ,सफाई, समय से स्कूल पहुँचना, बच्चों का व्यवहार और अनुशासन|
फिलहाल मेरी भी अपनी कोशिशे इस दिशा में जारी हैं | मैं ये तो नहीं कह सकती की इस मुद्दे पर पूरी तरह काम कर लिया है पर क्योंकि मेरी अपनी समझ किताबी ज्ञान के बाहर हुई है तो मैं कोशिश कर रही हूँ की जिस भी स्कूल में मैं काम करू इस मुद्दे पर जोर दूँ और सभी माता-पिता को उनके बच्चे की शिक्षा में भागिदार बना सकूँ | और इन सबमे मेरे साथ है पंजाब सरकार, हमारे टीचर्स और सांझी सिखिया |